जो भी मौसम हो, हम हमेशा इंफेक्शन से सुरक्षित रहने, बीमार पड़ने और डॉक्टर के पास जाने के लिए सावधानी बरतते हैं। गर्मी, सर्दी और बारिश-ये सभी मौसम अपने साथ कुछ खुशी और कुछ निराशा लेकर आते हैं। जल्द ही बारिश हर जगह दस्तक देगी परन्तु मौज-मस्ती और उत्साह के साथ वायरल इंफेक्शन, खांसी-सर्दी और … Continue reading “मॉनसून में प्रोबायोटिक्स के साथ तैयार रहें”

इंटेस्टाइन में लगभग 70% प्रतिरोधक क्षमता होती है- आज के जीवन में प्रोबायोटिक्स का महत्व
March 18, 2019
बदलते मौसम और सर्दियों की शुरुआत के साथ, हमारी सबसे बड़ी चिंता बीमारियों से बचकर रहना है और सर्दी या फ्लू से बचना है, जो न केवल परेशान करता है, बल्कि छुट्टियों के मौसम का आनंद भी छीनसकता है। ठंड लगने के बाद ज्यादातर लोग विटामिन सी लेने लगते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह … Continue reading “इंटेस्टाइन में लगभग 70% प्रतिरोधक क्षमता होती है- आज के जीवन में प्रोबायोटिक्स का महत्व”

हमारा अस्तित्व हमारे बैक्टीरिया के कारण है
March 16, 2019
क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर के अंदर 1000 से अधिक विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया रहते हैं? माना जाता है की बैक्टीरिया बीमारी पैदा करते हैं, लेकिन उनमें से सभी हानिकारक नहीं होते हैं, सच तो यह है की उनमें से ज्यादातर कुछ नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और जीवन के लिए आवश्यक हैं। यह … Continue reading “हमारा अस्तित्व हमारे बैक्टीरिया के कारण है”

अच्छे स्वास्थ्य की शुरुआत आपके इंटेस्टाइन से होती है
March 14, 2019
पेड़ की जड़ों और इंटेस्टाइन के बीच क्या समानता है। हां, वे दोनों पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो जीवन के लिए आवश्यक है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आधुनिक चिकित्सा के पिता हिप्पोक्रेट्स ने 2,500 से अधिक वर्षों पहले कहा था कि ‘Death sits in the Bowels’ और ‘बुरा पाचन अधिकांश … Continue reading “अच्छे स्वास्थ्य की शुरुआत आपके इंटेस्टाइन से होती है”

प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों से परंपरागत किण्वित खाद्य पदार्थ कैसे अलग होते हैं?
November 22, 2018
जब से भारत में प्रोबायोटिक लॉन्च किया गया है, लोगों ने उसे दही और लस्सी से भ्रमित कर दिया है। कई लोगों का मानना है कि दोनों में हीं लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया होते हैं तो फिर इन दोनों में क्या अंतर है। अन्य कहते हैं कि प्रोबायोटिक सिर्फ एक और सामग्री है और कुछ चुनिंदा … Continue reading “प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों से परंपरागत किण्वित खाद्य पदार्थ कैसे अलग होते हैं?”